पंजाब से मजदूरों का पलायन; इन शर्तों पर औद्योगिक उत्पादन की जा सकती है शुरू

राजेश कुमार की रिपोर्ट
चंडीगढ़। राज्य से लगातार वापस जा रहे श्रम शक्ति को देखते हुए पंजाब सरकार मजदूरों को राधा स्वामी सत्संग ब्यास के सत्संग घरों में ठहराने का विचार कर रही है। सरकार यह फैसला इसलिए भी ले रही है क्योंकि अगले माह से गेहूं की कटाई का सीजन शुरू हो रहा है। ऐसे में अगर श्रमिक वापस चले गए तो गेहूं कटाई का काम बुरी तरह से प्रभवित हो सकता है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि राधा स्वामी सत्संग ब्यास ने पहले ही अपने भवनों को आइसोलेशन की सुविधा के लिए ऑफर किया था। इस कारण सरकार ने राधा स्वामी सत्संग ब्यास के साथ भी प्रवासी मज़दूरों के ठहरने के प्रबंध करने के लिए बातचीत की है। अगले दो सप्ताह में शुरू होने वाली गेहूं की कटाई के लिए उनकी ज़रूरत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यदि औद्योगिक इकाइयां और भट्टा मालिकों के पास प्रवासी मज़दूरों को रखने के लिए अपेक्षित जगह और भोजन देने का सामर्थ्य है, तो वह अपना उत्पादन शुरू कर सकते हैं। इसके साथ ही उन्होंने इन इकाइयों के मालिकों को इस समय के दौरान शारीरिक दूरी कायम रखने को यकीनी बनाने के लिए कहा।
कैप्टन ने कहा कि सभी औद्योगिक इकाइयों में कामगारों के लिए साफ़-सफ़ाई के सभी एहतियाती कदम पूरी तरह उठाए जाएं। उन्होंने कहा कि इकाइयों को साझी सहूलितों वाले स्थानों की सफ़ाई और वर्करों के लिए साबुन और खुले पानी के पुख्ता प्रबंध करने होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रमुख स्थानों पर हाथ धोने की सुविधा और सेनिटाइजऱ भी उपलब्ध होने चाहिए।
इन शर्तों पर मिलेगी छूट
-यदि औद्योगिक इकाइयां और भट्ठा मालिकों के पास मजदूरों को रखने के लिए अपेक्षित जगह व भोजन देने की क्षमता होनी चाहिए।
-सभी औद्योगिक इकाइयों को काम के दौरान शारीरिक दूरी कायम रखने को यकीनी बनाना होगा।
-कामगारों के लिए साफ-सफाई के सभी एहतियाती कदम पूरी तरह उठाने होंगे।
-सार्वजनिक जगह पर सफाई और वर्करों के लिए साबुन और खुले पानी के पुख्ता प्रबंध करने होंगे।
-कार्यस्थल के प्रमुख स्थानों पर हाथ धोने की सुविधा और सैनिटाइजर भी उपलब्ध कराना होगा।
अधिकारियों को आदेश- भोजन व अन्य जरूरी वस्तुओं की कमी न हो
सरकार ने रविवार को श्रमिकों के घर लौटने की समस्या पर भी चर्चा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह फैसला उद्योग व ईंट भट्ठा मालिकों व लॉकडाउन के कारण रोजगार खो चुके मजदूरों के लिए लाभकारी होगा। कैप्टन ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इस संकट की घड़ी में मजदूरों, दिहाड़ीदारों को भोजन व अन्य प्राथमिक वस्तुओं की कमी न हो। वहीं, श्रम विभाग ने उद्योगों को एडवाइजरी जारी कर दी है कि कामगारों को नौकरी से न हटाएं और उनके वेतन में कटौती न करें।
उद्यमियों का फैक्टरी चलाने से साफ इन्कार
उधर लुधियाना में फैक्टरी मालिकों ने जिला प्रशासन के इस फैसले का विरोध किया है। साफ कर दिया कि इन हालातों में वह फैक्टरी नहीं चलाएंगे। नीलम साइकिल के एमडी केके सेठ ने कहा कि इंडस्ट्री बिना किसी तैयारी के कैसे ऐसा रिस्क ले सकती है। यह प्रयास गंभीर नतीजे भी ला सकता है।
वहीं, फीको के अध्यक्ष गुरमीत ङ्क्षसह कुलार ने कहा कि कच्चा माल कहां से लाएंगे। यह फैसला इंडस्ट्री व समाज के हित में नहीं है। हम तैयार नहीं हैं। आरआर बाइक्स के एमडी राजीव जैन ने कहा कि ज्यादातर के पास वर्करों के फैक्टरी में रहने की व्यवस्था नहीं है। सैनिटाइज को लेकर कैसे इंडस्ट्री काम कर पाएगी। सुरिंदरा साइकिल के एमडी हरजीत सिंह सौंद ने कहा कि प्रधानमंत्री के निर्देशों के मुताबिक लॉक डाउन लागू रखना चाहिए। इंडस्ट्री चलाना खतरे से खाली नहीं होगा। बिक्री के लिए कोई तैयारी नहीं है, तो प्रोडक्शन करके क्या फायदा।
सरबत सेहत बीमा योजना में पहचान के लिए बायोमीट्रिक से छूट
दूसरी ओर, कोरोना वायरस की महामारी के मद्देनजर पंजाब सरकार ने सरबत सेहत बीमा योजना (एसएसबीवाई) के अधीन आते सूचीबद्ध अस्पतालों में इलाज करवाने से पहले मरीजों की बायोमीट्रिक पहचान की प्रक्रिया से छूट देने के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू ने बताया कि मरीजों की रजिस्ट्रेशन अब सिर्फ ई-कार्ड नंबर के आधार पर की जाएगी।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने प्रसूति से संंबंधित निर्धारित हेल्थ पैकेजों के अधीन किए जाते इलाज को आरक्षण के दायरे से बाहर किया गया है। इस डी-रिजर्व ट्रीटमेंट में साधारण डिलीवरी, सिजेरियन डिलीवरी और हाई रिस्क वाली डिलीवरी शामिल है। गर्भवती महिलाओं यह सुविधा अब आयुष्मान भारत सरबत सेहत बीमा योजना के अधीन सूचीबद्ध प्राइवेट अस्पताल में मिल सकती है। इसके लिए सरकारी अस्पताल को रेफरल प्राप्त करने की जरूरत नहीं है।