Punjab

सरकार ने राज्य चल रहे औद्योगिक और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को दी कर्मचारियों को नौकरी से नहीं निकालने की सलाह

राजेश की रिपोर्ट

चंडीगढ़ : कोरोना वायर से निपटने की पाबंदियों के बीच पंजाब सरकार ने राज्य चल रहे औद्योगिक और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों को कर्मचारियों को नौकरी से नहीं निकालने की सलाह दी है। राज्य सरकार ने उनसे वेतन, मजदूरी में किसी प्रकार की कटौती भी नहीं करने की अपील की है।राज्य में गैर- जरूरी उत्पादन में लगे कारखानों में पहले ही उत्पादन बंद किया गया जा चुका है। कोरोना वायरस महामारी के प्रसार को रोकने के लिये देशभर में इस समय 21 दिन का लॉकडाउन (बंद) लागू है। राज्य सरकार ने इस संबंध में उद्योगों को परामर्श जारी किया है। उद्योगों से कहा गया है कि उनका कोई भी कर्मचारी यदि काविड-19 की वजह से अवकाश में रहता है तो उसे ड्यूटी पर माना जाये। इसके साथ ही राज्य सरकार के कोरोना वायरस की वजह से कुछ कारखानों में काम बंद किया है उन कारखानों के मजदूरों के कम्रचारियों को भी ड्यूटी पर माना जाये और उनका वेतन नहीं काटा जाये।
पंजाब के प्रधान सचिव (श्रम) वी के जंजुआ ने कहा कि विभाग का मानना है कि उद्योगों, कार्यालयों से कर्मचारियों को निकानल या उनका वेतन कम करने से राज्य में कर्मचारियों के मनोबल पर बुरा असर पड़ेगा और कारोना वायरस से लड़ाई कमजोर पड़ेगी।  जंजुओं ने रविवार को पीटीआई- भाषा से कहा, ‘‘हमने इस संबंध में परामर्श जारी किया है। श्रम विभाग ने उद्योगों को जारी परामर्श में सभी नियोक्ताओं, कारखानों के मालिकों, दुकानदारों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों से कहा है कि वह अपने कर्मचारियों को नहीं निकालें और न ही उनका वेतन कम करें। खासतौर से ठेके पर रखे गये और दिहाड़ी मजदूरों का ध्यान रखने को कहा गया है।  श्रम विभाग ने कहा है, ‘‘किसी भी प्रतिष्ठान का कर्मचारी अथवा मजदूर यदि कोरोना वायरस की वजह से अवकाश लेता है तो उसे ड्यूटी पर माना जाये और उसके वेतन में कोई भी कटौती नहीं की जानी चाहिये। यदि किसी कारखाने अथवा नियोक्ता का कार्यस्थल कोरोना वायरस के सरकारी आदेश के तहत बंद है तो ऐसे प्रतिष्ठानों के कर्मचारियों को भी ड्यूटी पर माना जायेगा।

Related Articles

Back to top button