एम्बुलेंस सेवा या अन्य सरकारी वाहन सेवाओं की उदासीनता ने ली बीमार बुजुर्ग की जान

राकेश की रिपोर्ट
अमृतसर। पंजाब सरकार द्वारा लगाए गए कर्फ्यू ने एक बीमार बुजुर्ग की जान ले ली। बुजुर्ग की जान बचाने के लिए पड़ोसियों ने 108 एंबुलैंस सेवा तथा 100 नंबर सहित सरकार द्वारा जारी की गई सेहत हैल्पलाइन नंबर 104 पर कई बार फोन किया, परंतु किसी ने भी गंभीर बीमार बुजुर्ग की सुध लेने के लिए गंभीरता नहीं दिखाई। उधर सरकार के निर्देशों के बावजूद जिले में अधिकतर मैडीकल स्टोर मालिक अभी भी अपनी दुकानें नहीं खोल रहे हैं, जिससे दवा न मिलने पर लोगों में हाहाकार मचा हुआ है।
जानकारी के अनुसार लोहारका रोड निवासी बलविंदर सिंह (60) अपनी पत्नी के साथ घर में रहते थे। दो बेटियों की शादी हो चुकी है। सुबह बलविंदर सिंह को तेज बुखार हुआ। इसके बाद अचानक उनकी तबीयत बिगड़ गई। बुखार और खांसी होने की सूरत में उनकी पत्नी ने पड़ोसियों से मदद मांगी। पड़ोस में रहने वाले धर्मेंद्र कुमार के अनुसार उन्होंने बुजुर्ग की जान बचाने के लिए बहुत कोशिश की, परंतु न तो सरकारी तंत्र ने साथ दिया तथा न ही समय पर 108 एंबुलैंस ही आई।
उन्होंने आरोप लगाया कि डायल-108 पर कई बार फोन किया पर एंबुलैंस नहीं आई। इसके बाद पंजाब सरकार द्वारा सेहत सेवाओं के लिए डायल-104 पर कॉल कर मरीज का इलाज करवाने की गुहार लगाई। फिर 100 नंबर पर भी फोन किया, कहीं से कोई जवाब नहीं आया। कर्फ्यू की वजह से शहर के मैडीकल स्टोर भी बंद थे, इसलिए बलविंदर सिंह के लिए दवा का प्रबंध हम नहीं कर पाए। ऐसे में बलविंदर सिंह की मौत हो गई।