रहस्यों के साए में रह रहे कोरोना वायरस

आत्माराम त्रिपाठी की रिपोर्ट
लखनऊ। रहस्यों के साए में रह रहे कोरोना वायरस की एक कमजोरी भी है। उसे संक्रमित से स्वस्थ व्यक्ति में पहुंचने के लिए एक सरफेस की जरूरत होती है। वह हवा में या पानी में ट्रैवल नहीं कर सकता। न्यूयार्क टाइम्स की मानें तो दुनियाभर के वैज्ञानिक इस बात पर सहमत हैं कि लोगों को घरों के भीतर रहना चाहिए और संक्रमित लोगों को स्वस्थ लोगों से एक दम अलग रखकर इलाज किया जाना चाहिए। एक्सपर्ट्स का मानना है कि कुछ तरीकों को अपनाने से वायरस का संक्रमण काफी हद तक रोका जा सकता है।
वैज्ञानिकों को सुना जाना चाहिए
कोरोना वायरस के मामले में आजकल लगातार नेता ही प्रैस वार्ताएं कर रहे हैं। नेताओं की बजाय हमें वैज्ञानिकों और एपिडेमियोलॉजिस्ट को सुनना चाहिए। वे आम लोगों को ज्यादा बेहतर ढंग से बता सकते हैं।
सामने आई कोरोना वायरस की कमजोरी, इन तरीकों से होगा बचाव
जितनी जल्दी संभव हो सके कोरोना पॉजीटिव को आइसोलेट कर देना चाहिए। चीन में 75 से 80 प्रतिशत तक संक्रमण परिवार से परिवार के बीच ही फैला।
सही ढंग से जांच हो
जांच के लिए प्राथमिकता तय हो कि जो मरीज ज्यादा गंभीर हालत में हो उसकी जांच पहले हो व सही ढंग से हो ताकि इलाज शुरू हो सके।
बुखार की तुरंत जांच
चूंकि चीन, ताइवान और वियतनाम पहले सार्स का कहर देख चुके हैं और साऊथ कोरिया ने भी मर्स झेला है, वहां पर बुखार पर ध्यान देना आदत में आ चुका है। भारत में भी बुखार की तुरंत जांच होनी चाहिए।
संक्रमित के संपर्क में आए लोगों की जानकारी जुटाना
संक्रमित के संपर्क में आए लोगों की जानकारी जुटाना भी एक अहम कदम है। ऐसे हरेक व्यक्ति की जांच होनी चाहिए जो किसी भी कोरोना पॉजीटिव मरीज के संपर्क में आया हो।
जरूरी सेवाएं रहें जारी
महामारी के दौरान जरूरी सेवाएं जैसे खाना, पानी, बिजली, गैस, फोन लाइन और दवाइयों की दुकानें खुली रहनी चाहिएं। सेना और दूसरी चीजें भी बेहद जरूरी हैं ताकि डर न फैले।
वैंटिलेटर और ऑक्सीजन
अस्पतालों में मरीजों के लिए वैंटिलेटर और ऑक्सीजन की कमी न हो। अगर कोरोना के मरीज ज्यादा संख्या में आने लगें तो उन्हें संभालना मुश्किल हो जाएगा क्योंकि यह बीमारी श्वसन तंत्र पर ही अटैक करती है।
वालंटियर की तैनाती
वालंटियर की तैनाती का कदम भी एमरजैंसी के दौरान काफी काम आ सकता है। चीन ने बीमारी पर जीत पाई क्योंकि वहां पर काफी सारे वालंटियर थे जो लोगों और खासकर हैल्थ वर्कर्ज की मदद कर रहे थे।
अस्पतालों की व्यवस्था में बदलाव
चीन में सरकार ने 2 ही हफ्तों में 2 नए अस्पताल तैयार करवाए। इनके अलावा बाकी सारे अस्पतालों को अलग-अलग काम मिले। जैसे कुछ का काम कोरोना के गंभीर रूप से संक्रमितों का इलाज था तो कुछ सिर्फ एमरजैंसी के लिए थे। भारत के अस्पतालों की व्यवस्था में भी ऐसा ही बदलाव होना चाहिए।
मीडिया प्लैटफॉर्म से कारोना वायरस पर भ्रामक/गलत खबरों को हटाने का निर्देश
सरकार ने कोरोना वायरस महामारी के बारे में इंटरनेट पर फैलाई जा रही भ्रामक खबरों/रिपोर्ट पर गंभीर रुख अपनाया है। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सोशल मीडिया कंपनियों से ऐसी खबरों को तत्काल अपने अपने मंच से हटाने को कहा है। इस बारे में मंत्रालय ने एक सलाह जारी की है। इसमें कहा गया है कि वे अपने मंच का इस्तेमाल करने वालों को ऐसी खबर या कंटेंट डालने से रोके जिससे लोगों में भय उत्पन्न होता हो या सामजिक शांति में खलल पड़ता हो।
मंत्रालय ने मीडिया की खबरों के हवाले से कहा है कि सोशल मीडिया मंचों पर भ्रामक/ असत्य खबरों और कंटेंट को घुमाने का चलन बन गया है। लोग कोरोना वयरस के बारे में बिना ज्ञात स्रोत के आंकड़े और रिपोर्ट इन मंचों के माध्यम से आपस में शेयर कर रहे हैं, जिससे लोगों में डर पैदा हो रहा है।
सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों से जागरूकता फैलाने की अपील की है ताकि उनका इस्तेमाल करने वाले इस माहमारी के बारे में मंच पर भ्रामक कंटेंट न फैलाएं और इन मंचों पर कोरोना संक्रमण के बारे में केवल ‘प्रमाणिक सूचनाएं’ ही डालें।
सरकार ने लॉन्च किया WhatsApp चैटबोट
कोरोना वायरस को लेकर जागरुकता वाले मैसेज के साथ फेक मैसेज भी खूब फैलाया जा रहा है। ऐसे में इस तरह की खबरों पर रोक और इससे जुड़ी सही सूचना देने के लिए भारतीय सरकार (Government of India) ने वॉट्सऐप चैटबोट ‘MyGov Corona Helpdesk’ बनाया है। इस चैटबोट के ज़रिए यूज़र वॉट्सऐप पर COVID-19 से जुड़ा कोई भी सवाल पूछ सकेंगे।
इसके अलावा गूगल ने कोरोना वायरस से जुड़ी एजुकेशनल Coronavirus वेबसाइट लॉन्च की है। इस वेबसाइट में महामारी के बारे में सुरक्षा और ऑफिशियल जानकारियां दी गई हैं।