अनवर हुसैन की रिपोर्ट
सहारनपुर। मां के साथ जेलों में रह रहे छोटे बच्चे भी अब स्कूल जा सकेंगे। जेल प्रशासन ही इन बच्चों के स्कूल आने-जाने की व्यवस्था कराएगा और फीस भी भरेगा। जेल में बंद इन बेकसूर बच्चों के भविष्य काे देखते हुए डीआईजी जेल ‘लव कुमार’ यह पहल करने जा रहे हैं।
सहारनपुर जेल का निरीक्षण करने के लिए शुक्रवार काे सहारनपुर पहुंचे डीआईजी जेल लव कुमार ने यह जानकारी दी। कोरोना की जटिलताओं के बीच वह सहारनपुर जेल का निरीक्षण करनें पहुंचे थे। इसी दाैरान उन्हाेंने बताया कि महिला जेलों में जो बच्चे अपनी मां के साथ रह रहे हैं उनका कोई दोष नहीं है। उनका भविष्य खराब ना हो इसी साेच के साथ यह निर्णय किया है। ऐसे सभी बच्चों काे स्कूल भेजने की याेजना है। इसके लिए उन्हाेंने जल्द ही आगरा व मेरठ रेंज की कुछ जेलों में इस प्राेग्राम काे शुरु करने की बात कही है।
दरअसल, कई निर्दोष बच्चे अपनी मां के साथ जेल में रहने काे मजबूर हैं। इन बच्चों का भविष्य खराब हाे जाता है। जेल का माहाैल और स्कूल से दूरी बाल मन पर बुरा प्रभाव डालती है। अपने कई साल जेल में गुजारने के बाद जब यह बच्चे बाहर निकलते हैं ताे सामान्य बच्चों से पिछड़ जाते हैं। इन बच्चों के माता-पिता की गलती का असर इनके बच्चों पर ना हाे ताे इसी साेच के साथ इन बच्चों काे स्कूल भेजने की तैयारी है। पहले चरण में रेंज की कुछ जेलों में इस प्राेजेक्ट काे शुरू किया जाएगा।
डीआईजी जेल ने यह भी बताया कि इसके लिए जेल के पास ही कुछ स्कूलों से बात की जाएगी जाे इन बच्चों काे शिक्षा देंगे ताकि ये बच्चे दूसरे बच्चों के साथ आगे बढ़ सकें और जब अपनी मां के साथ जब भी ये बच्चे जेल से बाहर आएं तो खुद काे दूसरे बच्चों से पिछड़े हुआ ना महसूस करें और आसानी से दूसरों बच्चों के बीच खुद काे एडजेस्ट कर लें।