Punjab

स्वर्ण मंदिर पर लगे गुंबद और सोने के पत्तरों की धुलाई

राकेश की रिपोर्ट

अमृतसर। गुरु नानक निष्काम जत्था (यू.के.) द्वारा श्री हरिमंदिर साहिब के मुख्य भवन पर लगे गुंबद और सोने के पत्तरों की धुलाई की कार सेवा अरदास के बाद आरंभ की गई। जत्थे के प्रबंधक भाई गुरदयाल सिंह ने बताया कि इस सेवा के लिए बर्मिंघम से बड़ी संख्या में संगत आई है। ये कारसेवा लगभग एक सप्ताह चलेगी।

गुरु नानक निष्काम जी ने बताया कि रीठे को गर्म पानी में कई घंटे उबाल कर उसमें नीबू का रस मिला ठंडा होने के बाद सोने के पत्तरों और गुंबदों पर हाथों से लगाया जाता है, फिर इसकी धुलाई कर दी जाती है। गौर हो कि श्री हरिमंदिर साहिब पर सोना चढ़ाने की सेवा सबसे पहले महाराजा रणजीत सिंह ने करवाई थी।

स्वर्ण मंदिर पर लगे गुंबद और सोने के पत्तरों की धुलाई

उसके बाद 1995 में बाबा महेन्दर सिंह यू.के. के नेतृत्व वाले जत्थे ने यह कारसेवा 1999 में पूरी की थी। इसके बाद शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी द्वारा धुलाई की सेवा अपने हाथ लेने से यह सेवा 5 साल तक लटकी रही और फिर 2016 में बर्मिंघम के जत्थे ने ही 15 मार्च 2017 को सेवा की थी। अब फिर यह सेवा बर्मिंघम का जत्था ही निभा रहा है।त्था (यू.के.) द्वारा श्री हरिमंदिर साहिब के मुख्य भवन पर लगे गुंबद और सोने के पत्तरों की धुलाई की कार सेवा अरदास के बाद आरंभ की गई। जत्थे के प्रबंधक भाई गुरदयाल सिंह ने बताया कि इस सेवा के लिए बर्मिंघम से बड़ी संख्या में संगत आई है। ये कारसेवा लगभग एक सप्ताह चलेगी।

 

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