Punjab

खून से लथपथ घायल इमरजेंसी में तड़पता रहा डाक्टर ने उल्टा खरी खोटी सुनाई

राकेश की रिपोर्ट

अमृतसर। गुरु नानक देव अस्पताल की एमरजैंसी में एक घायल व्यक्ति इलाज के लिए तड़पता रहा। परिजनों ने जब एमरजैंसी में मौजूद डाक्टरों ने खून से लथपथ मरीज का इलाज करने की दुहाई दी तो उल्टा डाक्टरों ने परिजनों की बात को अनसुना करते हुए खरी-खोटी सुनाई। मरीज की हालत देखकर मदद के लिए आए हॉस्टल में तैनात पंजाब पुलिस के अधिकारी की भी डाक्टरों ने एक रात सुनते हुए उन्हें भी मामले में दखल देने की नसीहत दे डाली।

जानकारी के अनुसार मजीठा रोड निवासी जागीर सिंह काला सड़क हादसे में घायल हुआ था। घटनास्थल से उठाकर उसके परिजनों द्वारा उसे गुरु नानक देव अस्पताल की एमरजैंसी में लाया गया। हादसे में उसके होठ कट चुके थे। कानों पर भी गंभीर चोट आई थी और काफी खून बह रहा था हो रहा था। जागीर सिंह की बहन अमन के अनुसार हम जब अस्पताल की एमरजैंसी में आए तो मेरा भाई दर्द से तड़पता रहा पर डाक्टरों ने उसे हाथ तक नहीं लगाया। मैं जब डाक्टर से सर्जरी विभाग के डाक्टर से कहा कि आप इसका इलाज शुरू कर दो, नहीं तो यह मर जाएगा। इस पर दोनों डाक्टरों ने उसकी बात को अनसुना करते हुए उसके साथ बदसलूकी की। डाक्टरों ने उससे कहा कि फालतू बात मत करो, यहां से बाहर निकलो।

डाक्टरों और अटैंडैंट की बातचीत सुनकर अस्पताल की सुरक्षा में तैनात पंजाब होमगार्ड के सिक्योरिटी इंचार्ज जोङ्क्षगदर सिंह भी एमरजैंसी वॉर्ड में पहुंच गए। जोगिंदर सिंह के अनुसार मरीज की बहन बुरी तरह रो रही थी। डाक्टर ट्रैक सूट पहनकर वहां खड़े थे। मैं उन्हें सिर्फ इतना ही कहा कि सर आप मरीज के अटैंडैंट से प्यार से बात कर लेते तो उसकी पीड़ा कम हो जाती। इस पर डाक्टर भड़क गए। बोले तुम कौन हो। उन्हें बताया कि मैं सिक्योरिटी इंचार्ज हूं। इस पर उन्होंने कहा कि हमें आपकी सुरक्षा की कोई जरूरत नहीं, यहां से निकल जाओ। डाक्टर ने भी मुझसे इसी अंदाज में बात की। बेबस बहन रोती रही, गिड़गिड़ाती रही, पर डाक्टर टस से मस न हुए। दौरान मीडिया कर्मियों ने दोनों डाक्टरों का पक्ष जानने की कोशिश की, पर उन्होंने कुछ भी बोलने से इंकार किया।

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