ग्राम पंचायत में आज भी अधूरे पड़े है शौंचालय
रिपोर्ट-संजय सिंह राणा
मानिकपुर(चित्रकूट)– स्वच्छ भारत मिशन ( ग्रामीण )के तहत जहां गाँवो में बड़ी मात्रा में शौचालयों का निर्माण कराया जा रहा है जिससे ग्राम पंचायतों में गंदगी न फैले सके व ग्रामीण जनता खुले में शौच मुक्त हो सके लेकिन ग्राम प्रधान व सचिव की मनमानी के चलते लोग आज भी खुले में शौच जाने को मजबूर हैं l कागजों में ओडीएफ कर दिए गए ग्राम पंचायतों के हाल देखते ही बनते हैं जहां पर खुले में शौच मुक्त होने के बावजूद आज तक शौचालयों का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो पाया है जो अभी भी आधे अधूरे पड़े हुए हैं l
जब लाभार्थियों द्वारा अधूरे शौचालयों के विषय में सचिव व प्रधान से कहा जाता है तो वह भी इन गरीब ग्रामीणों को दुत्कार कर भगा देते हैं l
ऐसा ही एक मामला सामने आया है मानिकपुर विकासखंड के ग्राम पंचायत खिचरी का l
विकास खण्ड मानिकपुर का ग्राम पंचायत खिचरी कस्बे से जुड़ा हुआ गांव है,इस गांव को सन 2018 में ओडीएफ घोषित कर दिया गया था।लेकिन आज भी खिचरी गांव के समस्त बच्चे नवजवान, महिला पुरुष खुले में शौच को जाने को मजबूर हैं।
ग्राम पंचायत खिचरी में विगत वर्ष 2017/2018 में 91 शौंचालय शासन द्वारा स्वकृति हुए थे ।जिनकी पूरी धन राशि ग्राम पंचायत के ग्राम निधि खाते में आ भी गई थी।जिसमें ग्राम पंचायत में 50 प्रतिशत ही शौंचालय अब तक पूर्ण हुए है।ग्राम पंचायत के 45 शौंचालय आज भी अपूर्ण है।लाभार्थियों की माने तो शौंचालय की दूसरी क़िस्त की धनराशि ग्राम निधि खाते में आ कर पड़ी है ।जिसे पूर्व में तैनात ग्राम विकास अधिकारी अनूप कुमार मिश्र द्वारा फर्जी तरीके से निकाल लिया गया है, जिससे शेष धनराशि देने से इनकार कर दिया जाता है उनके मांगने पर लाभर्थियों को यह कह कर भगा दिया जाता है की अपने पैसे से शौंचालय बना लो मेरे पास दुबारा मत आना।
बताते चलें कि वर्ष 2018 में ग्राम पंचायत खिचड़ी ओडीएफ कर दिया गया था।लेकिन आज भी अधूरे पड़े शौंचालय लूटखसोट व भ्रष्टाचार का खुलासा कर रहे हैं।2017/18 में आधा निर्माण कराने के बाद से शौंचालय की दूसरी अवशेष क़िस्त पाने के लिए आज भी लाभार्थी
बौरा,चिंटू , बोंगा , शिव मूरत चुनकावन, भैयन,फूल चंद्र ,राज नारायण, राम शिया, रति, सिमदेवी, शंकर ,शिवराज, श्रीपाल, सुखिया, सुशील,विनोद, अंकित, चमेली देवी, चिंन्ता देवी,करण, कल्लू रघुनथिया ,राजू, रमेश,सुकवारिया, शिव सरन आदि सभी 45 लाभार्थी कि सचिव के चक्कर काट रहे थे।लेकिन उन्हें हर बार अनूप कुमार द्वारा दुत्कार कर भाग दिया जाता था।ग्राम पंचायत खिचरी में नए सचिव की तैनाती की गई है जिससे लाभार्थियों को अपने अधूरे पड़े शौचालयों की आस जगी है कि नव नियुक्त सचिव द्वारा शौचालयों का कार्य पूर्ण कराया जाएगा l
अधूरे शौचालयों के विषय में जब खण्ड विकास अधिकारी दिनेश कुमार अग्रवाल को जानकारी दी गई तो उन्होंने मामले की जांच कराने के लिए कहा।लेकिन वह जाँच आज तक अधूरी पड़ी हुई है l
सबसे बड़ी सोचने वाली बात यह है कि जहां एक तरफ केंद्र व राज्य सरकार स्वच्छता अभियान को लेकर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है वहीं दूसरी ओर जिम्मेदार अधिकारियों व ग्राम प्रधान व सचिव की लापरवाही के चलते ग्राम पंचायतों में आज भी स्वच्छता अभियान को पलीता लगाया जा रहा है व स्वच्छ भारत मिशन के तहत बनाए गए शौचालयों का कार्य आज तक पूरा नहीं हो पाया है जब इस बारे में जिम्मेदार अधिकारी से शिकायत की जाती है तो वह भी जांच कराने के नाम पर लीपापोती करते हुए मामले को दबाने का काम करते हैं l स्वच्छता अभियान को पलीता लगाने वाले जिम्मेदार अधिकारियों व सचिव ग्राम प्रधान के ऊपर जिला प्रशासन कब शिकंजा कसने का काम करेगा यह एक बड़ा सवाल है l