अहसान अली की रिपोर्ट
जम्मू। 15 देशों के राजनयिकों ने शुक्रवार को जम्मू के विभिन्न इलाकों का दौरा किया। इस दौरान ये लोग पश्चिम पाकिस्तान के शरणार्थियों, वाल्मीकि समाज, गुज्जरों और वकीलों के प्रतिनिधियों समेत विभिन्न लोगों से मिले। अधिकारियों के मुताबिक विभिन्न समुदायों के लोगों ने अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को खत्म किए जाने का स्वागत किया और इसे ‘देरी से मिला न्याय’ करार दिया। राजनयिकों से मुलाकात के बाद जम्मू-कश्मीर गुज्जर यूनाइटेड फोरम के अध्यक्ष गुलाम नबी खटाना ने पत्रकारों से कहा, ‘हमने राजनयिकों को बताया कि अनुच्छेद-370 के प्रावधानों को निरस्त करने से समुदाय को आरक्षण का लाभ और वन पर अधिकार मिलेगा, जिससे सात दशक से उन्हें वंचित किया जा रहा था। कश्मीर केंद्रित पार्टियां हमेशा अपने हितों को आगे रखती थी और अन्य के अधिकारों से इनकार करती थी।’ राजनयिकों से मिलने वालों में शामिल राजौरी के वकील आसिफ चौधरी ने कहा कि उनके लिए अनुच्छेद-370 फायदेमंद नहीं था। पश्चिमी पाकिस्तान शरणार्थी संगठन के अध्यक्ष लाभा राम गांधी ने राजनयिकों से कहा, ‘अनुच्छेद-370 को खत्म करना उनके लिए देर से किया गया न्याय है।’ जम्मू बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अभिनव शर्मा से राजनयिकों ने सवाल किया कि क्यों नहीं अनुच्छेद-370 को समाप्त करने की मांग उठाई गई? उन्होंने कहा, ‘हमने उन्हें बताया कि बहुत पहले यह मांग उठाई गई थी, लेकिन कश्मीर केंद्रित पाटिर्यों के शासक आवाज दबा रहे थे।’